Wednesday, August 5, 2020

रोग नाश करने का सरल तरीक़ा



💢आज वर्तमान की स्थिति देखे तो हर कोई व्यक्ति बीमारी से ग्रासित है कोई कैंसर से तो कोई भूत प्रेत बाधा से ग्रस्त है तो कोई असाध्य रोग से जिसका कोई इलाज नहीं है ।


💢 शराब तंबाकू बीड़ी सिगरेट हुक्का गांजा आदि की लत से अच्छे भले परिवार उजड़ जाते है हुक्का पीने वाले भी मानते हैं कि तम्बाकू अच्छी चीज नहीं है। जब कोई छोटा बच्चा अपने दादा-ताऊ, पिता-चाचा को हुक्का पीते देखता है तो वह भी नकल करता है। हुक्के को पीने लगता है तो बड़े व्यक्ति जो स्वयं हुक्का पीते हैं, उस बच्चे को धमकाते हैं कि खबरदार! अगर हुक्का पीया तो। यह अच्छा नहीं है। यदि आप जी इसे अच्छा पदार्थ मानते हैं तो बच्चों को भी पीने दो। आप मना करते हैं तो मानते हो कि यह अच्छा नहीं है, हानिकारक है।

💢 बीमार होने पर रोगी अौर घर के अन्य सदस्य मानसिक रूप से चिंता अौर अशांति का अनुभव करने लगते हैं।तम्बाकू का (हुक्का, बीड़ी, सिगरेट, चिलम आदि में डालकर भी) कभी सेवन नहीं करना और अन्य नशीली वस्तुओं का प्रयोग न करनाबीे । बीमारी ग्रसित होने पर अक्‍सर लोग डॉक्‍टर के पास जाते हैं और उनकी सलाह के अनुसार दवाएं आदि लेते हैं. परंतु कई बार इलाज के बावजूद रोग दूर नहीं होते.  

 सत भक्ति से हुई अदभूत लाभ 👇👇👇👇👇👇

अगर आध्यातक  नजरए  से देखें तो हर तरह के रोगों के मूल कारण इंसान के पूर्व जन्‍ के या इस जन्‍म के पाप ही होते हैं. । ओर संत रामपाल जी महाराज जी सेे नाम दीक्षा लेने से आसध्य रोग  भी खतम हो जाता है ।





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ऐसे अंनेकों लाभ हुए हैं जो कभी आप ही की तरह सोचते थे कि आसाध्य रोग ये कभी खतम नहीं हो सकते पर पूर्ण परमात्मा ओर पूर्ण संत ही सत भक्ति से  आसाध्य रोगों को खतम कर सकता है आज वर्तमान में भारत देश में पूर्ण संत सिर्फ संत रामपाल जी महाराज जी ही है जिन्होने अपने सभी धर्म ग्रंथो में अनेकों प्रमाण बताए है।
अधिक जानकारी के लिए पढ़े पुस्तक जीने की राह 👇👇👇👇👇🤗🤗



 
 


Wednesday, July 15, 2020

बकरा ईद


इस्लाम धर्म को मानने वाले रमजान खत्‍म होने के लगभग 70 दिनों बाद बकरीद मनाते हैं। इसे ईद-उल-जुहा भी कहते हैं।



निर्दोष जीवो को मारने से भगवान कभी खुश नहीं हो सकते है ।
जिस तरह अगर आपके बेटे या बेटी को कोई हलाल करे तो क्या भगवान खुश होगा नहीं क्योंकि जानवर को भी मार कर हलाल करते है तो क्या उनकी आत्मा नहीं दिखती होगी ।



मुस्लिम समुदाय के सबसे बड़े त्‍योहारों में से एक है बकरीद।इस दिन मुसलमानों के घर में कुछ चौपाया जानवरों की कुर्बानी हजरत इब्राहिम ने शुरू की परंपरा इस्लाम धर्म के प्रमुख पैगंबरों में से हजरत इब्राहिम एक थे।इन्‍हीं की वजह से कुर्बानी देने की परंपरा शुरू हुई।


जब हज़रत इब्राहिम अल्लाह की भक्ति कर रहे थे तो उनकी भक्ति से खुश होकर उनकी दुआ को कबूल किया था जिसके बाद अल्लाह ने उनकी परीक्षा ली। इस परीक्षा में अल्लाह ने इब्राहिम से उनकी सबसे कीमती और प्यारी चीज की बली देने की मांग की।

जब अपने बेटे की बली दे रहे थे हज़रत इब्राहिम

हज़रत इब्राहिम ने अल्लाह की बात मान कर अपनी सबसे प्यारी चीज यानी की अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी देने का निर्णय कर लिया। इसके बाद जब हज़रत इब्राहिम अपने बेटे की बली देने जा रहे थे इतने में ही अल्लाह ने उनके बेटे की जगह एक बकरे को रख दिया जिसके बाद जो परीक्षा अल्लाह इब्राहिम की ले रहे थे वो सफल हो गया और इस दिन को बकरा ईद के रुप में मनाया जाने लगा।

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हमेसलमानों को समझने की जगह इस्लामिक धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए।
आइए हम मिलकर इस्लाम धर्म और उनकी मान्यताओं पर एक नजर डालते हैं और यह जानने की कोशिश करते हैं ।
इस्लाम का सबसे विश्वसनीय धार्मिक ग्रंथ पवित्र कुरान शरीफ/मजीद है और मुसलमानों का मानना ​​है कि अल्लाह केवल वह ईश्वर/खुदा है, जिसने कुरान शरीफ का ज्ञान दिया है। लेकिन सबूत साबित करते हैं कि कुरान शरीफ का ज्ञानदाता अल्लाहताला नहीं है। वह किसी अन्य भगवान के बारे में उल्लेख कर रहे हैं जिसकी जानकारी कोई बाखबर/इलमवाला/तत्त्वदर्शी संत प्रदान करेंगे।💯💯💯💯💯
सतगुरु रामपाल जी महाराज विश्व में एक मात्र संत हैं जो की आज इस धरती पर संत रामपाल जी महाराज ने सभी धार्मिक ग्रंथो को खोल कर कई प्रमाण दिए है देखे 👇👇👇
"इच्छा रूपी वहां नहीं रह्यो,
उल्ट मोहम्मद महल पठाया, गुज़ बिरज एक कलमा ले आया।
रोज़ा बंग नमाज़ दई रे, बिस्मिल की नहीं बात कही रे।।"
उन्होंने हज़रत मोहम्मद को अपना ज्ञान समझाने की कोशिश की। लेकिन उनके पास पृथ्वी पर तब तक बहुत सारे अनुयायी थे और महिमा हो गयी थी, इसलिए वह सहमत नहीं हुए। उन्होंने हज़रत मोहम्मद को वापस उनके शरीर में छोड़ा। कलमा, रोज़ा और नमाज़ बेशक हज़रत मोहम्मद ने दिए लेकिन उन्होंने कभी भी बिस्मिल(बलि देने) की बात नहीं की।👇👇👇
क़ुरत फुरकान 25, आयत-52 इस बात का प्रमाण देता है कि अल्लाह ही वह 'एक' ईश्वर है।
“फला-तूतिईल-काफिरिन-व-जाहिदुम-बिहि-जिहादन-कबीरन”
यहां स्पष्ट रूप से 'कबीरन' शब्द वर्णित है। हम इसे 'कबीर/ कबीरा/ कबीरन/ खबीरा/ खबीरन' कह सकते हैं। इस आयत से यह स्पष्ट है कि ब्रह्मांड का निर्माता, सर्वशक्तिमान अल्लाह कबीर है। 
अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे।👇👇👇👇👇👇


Tuesday, July 7, 2020

नशा करना तेजी से क्यों फैलता है

नशा करना तेजी से क्यों फैलता है?
आज के वर्तमान समय में नशे जैसी लत ने विकराल रूप धारण कर लिया है। युवा पीढ़ी दिन-ब-दिन नशे कि लत में डूबी रहती है। नशा त्यागो। शराब इतनी खतरनाक है कि यह बसे बसाए खुशहाल परिवार को भी उजाड़ देती है, तथा धन व बल दोनों का नाश करती है। कारण से उसके परिवार पर नशे और बीमारी के खर्च के कारण दोहरी मार पड़ती है।  एक शराबी अनेकों व्यक्ति की आत्मा दुखाता है ।पत्नी की ,पत्नी के माता-पिता ,भाई बहनों की अपने माता पिता ,बच्चों की, भाई आदि की ।केवल 1 घंटे के नशे ने धन का नाश, इज्जत का नाश,परिवार की शांति का नाश कर दिया ,क्या वह व्यक्ति भविष्य में भी सुखी हो सकता है? कभी नहीं ।नरक जैसा जीवन जीएगा।


शराबी व्यक्ति विचार करें
आज किसी की भी संतान उस समय बहुत गर्व महसूस करती है जब उसे अपने स्वावलंबी पिता का परिचय देना हो।
शराबी परिजन का परिचय देने में बच्चे हीन भावना का शिकार होते हैं।
सबको पता है कि नशा करने से हमारा शरीर और परिवार दोनों का नाश हो सकता है इसको छोड़ना भी चाहते हैं लेकिन छोड़ नहीं पाते लेकिन अब ऐसा नहीं है अगर आप इसे छोड़ना चाहते हैं तो इसे आप बड़ी ही आसानी से छोड़ सकते हैं  


वर्तमान में एक संत है जिनका नाम संत रामपाल जी महाराज है जिन्होंने देश और दुनिया को नशा मुक्ति करने का अभियान चला रखा है आध्यात्मिक मार्ग से तो आप भी इसका हिस्सा बनकर अपना  नशा त्याग सकते हैं


अगर आप नशा त्यागने का मानस बना चुके हैं तो सबसे पहले संत रामपाल जी महाराज के द्वारा लिखी हुई पुस्तक ज्ञानगंगा पढ़िए
https://www.jagatgururampalji.org/gyan_ganga_hindi.pdf





Tuesday, June 30, 2020

दहेज एक सामाजिक अभिशाप


🤔क्या दहेज लेना उचित है?
👉नहीं

तो आइए हम अपने विचार व्यक्त करते हैं। कि दहेज लेना उचित क्यों नहीं है ।

दहेज प्रथा:- यह दहेज प्रथा की वज़ह से ही है कि पुत्रियों को पुत्रों जितना महत्व नहीं दिया जाता। समाज में, कई बार यह देखा गया है कि उन्हें बोझ समझा जाता है तथा उन्हें अक्सर हीन समझा जाता है 

💢सामाजिक जागरूकता💢
अब यह समाज पर है कि वह जागरूक हों तथा स्थिति को समझे। यह हम सबका दायित्व है कि आवश्यक बदलाव के लिए कदम उठाएं एवं दहेज देना या लेना बन्द करें। यह हम सबको जानना चाहिए कि पहले हम अपनी पुत्रियों का मूल्य समझें, ताकि जब वे बड़‍ी हों तो अन्य लोग भी उनका मूल्य समझें।


💢दहेज उन्मूलन के लिए जरूरी कदम💢
कुछ बातों को अपना कर समाज से इस बुराई को मिटाया जा सकता है👇👇👇👇

  • अपनी बेटियों को शिक्षित करें।
  • उन्हें अपने कैरियर के लिए प्रोत्साहित करें ।
  • उन्हें स्वतंत्र और जिम्मेदार होना सिखाएं।
  • अपनी बेटी के साथ बिना किसी भेदभाव के समानता का व्यवहार करें।
  • दहेज देने या लेने की प्रथा को प्रोत्साहित न करें।              
इसलिए अपनी पुत्री को ठोस शिक्षा प्रदान करना तथा उसे अपनी पसन्द का करिअर चुनने के लिए प्रोत्साहित करना वहीं श्रेष्ठ दहेज है जो कोई भी माता-पिता अपनी पुत्री को कभी भी दे सकते हैं। शिक्षा  एवं स्वतंत्रता एक शक्तिशाली एवं मूल्यवान उपहार है जो आप अपनी पुत्री को दे सकते हैं। बदले में यह उनको वित्तीय रूप से सुदृढ़ होने में मदद करेगा।

💢💯संत रामपाल जी द्वारा समाज में दहेज का खात्मा और एक अनोखा विवाह 💢


सुरक्षित भारत की ओर सतगुरु रामपाल जी महाराज जी एक ऐसा  समाज बना रहे है जहां अब बेटियां बोझ नहीं बेटियों पर अत्याचार नहीं होगा सत भक्ति देकर मानवता के सूत्र में बांध रहे है। 
बेटी घर की लक्ष्मी
बहू के रूप में बेटी घर लानी है अगर तो करनी होगी दहेज मुक्त शादी 


एक अनोखा विवाह 17 मिनट में दहेज मुक्त शादी 

👉कैसे होगा दहेज का खात्मा देखे वीडियो👇👇👇

हमारे जीवन का वास्तविक लक्ष्य क्या है ? 
किस तरह से आने वाले दुखों, रोगों व क्लेशो से मुक्ति पाई जा सकती है?
जानिए पूरी जानकारी इस सामाजिक/आध्यात्मिक पुस्तक में।

आज ही डाउनलोड करे नीचे दी गई लिंक से 👇🏻


📖 ज्ञान गंगा
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📖 जीने की राह
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संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेने के लिए नाम दीक्षा फॉर्म भरे।👇👇http://bit.ly/NamDiksha

Wednesday, June 24, 2020

नशे से होने वाले नुकसान और बचाव


नशा एक अभिशाप :- नशा एक ऐसी बुराई है जो हमारे समूल जीवन को नष्ट कर देती है। नशे की लत से पीड़ित व्यक्ति परिवार के साथ समाज पर बोझ बन जाता है। युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा नशे की लत से पीड़ित है नशे के रूप में लोग शराब, गाँजा, जर्दा, ब्राउन शुगर, कोकीन, स्मैक आदि मादक पदार्थों का प्रयोग करते हैं, जो स्वास्थ्य के साथ सामाजिक और आर्थिक दोनों लिहाज से ठीक नहीं है।


नशेड़ी व्यक्ति की समाज में हेय जनक स्त्थी:- नशे का आदी व्यक्ति समाज की दृष्टी से हेय हो जाता है और उसकी सामाजिक क्रियाशीलता शून्य हो जाती है, फिर भी वह व्यसन को नहीं छोड़ता है।
नशे से होने वाली बीमारियां & अपराध :-  ध्रूमपान से फेफड़े में कैंसर होता हैं,मुँह, गले व फेफड़ों का कैंसर, ब्लड प्रैशर, अल्सर, यकृत रोग, अवसाद एवं अन्य अनेक रोगों का मुख्य कारण विभिन्न प्रकार का नशा है। वहीं कोकीन, चरस, अफीम लोगों में उत्तेजना बढ़ाने का काम करती हैं, जिससे समाज में अपराध और गैरकानूनी हरकतों को बढ़ावा मिलता है। इन नशीली वस्तुओं के उपयोग से व्यक्ति पागल और सुप्तावस्था में चला जाता है। तम्बाकू के सेवन से तपेदकि, निमोनिया और साँस की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इसके सेवन से जन और धन दोनों की हानि होती है।
हिंसा, बलात्कार, चोरी, आत्महत्या आदि अनेक अपराधों के पीछे नशा एक बहुत बड़ी वजह है। शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए एक्सीडेंट करना, शादीशुदा व्यक्तियों द्वारा नशे में अपनी पत्नी से मारपीट करना आम बात है।

शराब के सेवन से मानव के विवेक के साथ सोचने समझने की शक्ति नष्ट हो जाती है। वह अपने हित−अहित और भले−बुरे का अन्तर नहीं समझ पाता। शराब के सेवन से मनुष्य के शरीर और बुद्धि के साथ−साथ आत्मा का भी नाश हो जाता है। शराबी अनेक बीमारियों से ग्रसित हो जाता है। अमीर से गरीब और बच्चे से बुजुर्ग तक इस लत के शिकार हो रहे हैं। शराब के अतिरिक्त गांजा, अफीम और अन्य अनेक प्रकार के नशे अत्यधिक मात्रा में प्रचलित हो रहे हैं।  आधे से अधिक आबादी शराब तथा अन्य प्रकार के नशों में अपनी आय का आधे से अधिक पैसा बहा देते हैं।

 नशे का प्रचलन केवल आधुनिक समाज की देन नहीं है अपितु प्राचीन काल में भी रामायण और महाभारत काल के अनेक उदाहरण देते हैं।  प्राचीन काल में मदिरा का सेवन आसुरी प्रवृत्ति के लोग ही करते थे और इससे समाज में उस समय भी असुरक्षा, भय और घृणा का वातावरण उत्पन्न होता था। ऐसी आसुरी प्रवृत्ति के लोग मदिरा का सेवन करने के बाद खुले आम बुरे कार्यों को अंजाम देते थे।

 नशे से नुकसान :-  में नशे के बढ़ते चलन के पीछे बदलती जीवन शैली, परिवार का दबाव, परिवार के झगड़े, इन्टरनेट का अत्यधिक उपयोग, एकाकी जीवन, परिवार से दूर रहने, पारिवारिक कलह जैसे अनेक कारण हो सकते हैं।  और परिवार के परिवार खत्म होते जा रहे हैं। हम विनाश की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।
नशे से बचाव :-लोगोंको नशे से मुक्त रखने के लिए सरकार ने नशामुक्ति योजना लागू की है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से लागू की गई इस योजना के तहत राज्य में नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र चलाए जा रहे हैं। गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित इन केंद्रों में नशे से ग्रस्त लोगों को इससे मुक्त करने के लिए निशुल्क इलाज किया जाता है।
संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा समाज सुधार  :- वहीं एक तरफ संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा सिर्फ नाम दीक्षा लेकर लाखो लोगो ने नशा छोड़ दिया है । लाखो लोग बुराइयों को छोड़ कर सतभक्ती कर रहे है और लाखो उजड़े परिवार बस गए जो नशे के कारण परिवार उजड गए थे ।
संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा नाम दीक्षा लेने के बाद व्यक्ति नशा करना तो छोड़ो किसी भी तरह के नशे की वस्तुओं को छूते भी नहीं है ।
संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा समाज सुधार में  कई प्रयास जैसे - 
💫दहेज मुक्त विवाह
💫 नशामुक्त भारत 
💫 जाति पाती छुआ छूत मुक्त समाज 
💫 युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जाग्रति 
💫 सामाजिक बुराइयों का खात्मा और स्वच्छ समाज का निर्माण 
।  संत रामपाल जी महाराज जी का  एक ही  सपना नशा मुक्त हो भारत अपना 







💢समाज में किस तरह संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से आध्यात्मिक ज्ञान से देश में सुधार हो रहा है देखे वीडियो 👇👉👉👉https://youtu.be/PUjHDCytu4A


💢संत रामपाल जी महाराज जी से निशुल्क नामदान लेने के लिए नीचे दिए गए फॉर्म के लिंक पर क्लिक करे।👇👇👇👇👇👇
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry


Wednesday, June 17, 2020

Bible

                                   Bible

Tuesday, June 16, 2020

Tuesday, June 9, 2020

पवित्र बाइबिल में प्रमाण पूर्ण परमात्मा साकार



✨पवित्र बाईबल में सृष्टि रचना का प्रमाण✨
पवित्र सद्ग्रन्थों ने मिल-जुल कर प्रमाणित किया है कि परमात्मा  कौन तथा कैसा है सृष्टि की रचना किसने की  तथा उसका वास्तविक नाम क्या है। आइये हमारे सद्ग्रन्थों में क्या प्रमाण दिए गए है रूबरू होते है ।

💢पवित्र बाइबिल में प्रमाण है परमात्मा कैसा है ?
 👉 परमात्मा सशरीर है ।


💢पवित्र बाइबिल में प्रमाण है सृष्टि की उत्पत्ति किसने की?
👉 कबीरसाहेब ने 6 दिन में सृष्टि की रचना की मनुष्य को अपने जैसा बनाया ओर 7 वे दिन तख्त पे जाकर विराज मान हुए।
सातवां दिन :- विश्राम का दिन :
परमेश्वर ने  छः दिन में सर्व सृष्टि की उत्पत्ति की तथा सातवें दिन विश्राम किया।
पवित्रा बाईबल (उत्पत्ति ग्रन्थ पृष्ठ नं. 2 पर, अ. 1ः20 - 2ः5 पर)
 प्रभु ने मनुष्यों के खाने के लिए जितने बीज वाले छोटे पेड़ तथा जितने पेड़ों में बीज वाले फल होते हैं वे भोजन के लिए प्रदान किए हैं, (माँस खाना नहीं कहा है।)
तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी करके मनुष्यों की सृष्टि की।



अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी महाराज जी की सत्संग सुने ओर वेबसाइट सर्च करे।👇👇👇
www.jagatgurusantrampalji.org

Thursday, June 4, 2020

कबीर साहेब प्रकट दिवस जयंती नहीं


              कबीर साहेब का प्रकट दिवस होता है, जयंती नहीं!


➤सन् 1398 (विक्रमी संवत् 1455) ज्येष्ठ मास शुद्धि पूर्णमासी को ब्रह्ममूहूर्त में अपने सत्यलोक से सशरीर आकर परमेश्वर कबीर बालक रूप बनाकर लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर विराजमान हुए।
पूर्ण परमात्मा का माँ के गर्भ से जन्म नहीं होता।
कबीर साहेब का जन्म नहीं होता!


➤आदरणीय गरीब दास जी ने भी अपनी वाणी के माध्यम से यह बताया है कि परमात्मा कबीर जी की कोई माता नही थी अर्थात उनका जन्म माँ के गर्भ से नही हुआ।
गरीब, अनंत कोटि ब्रह्मांड में, बंदीछोड़ कहाय। 
सो तो एक कबीर हैं, जननी जन्या न माय।।


➤कबीर परमात्मा का प्रकट दिवस होता, जयंती नहीं!
पूर्ण परमात्मा कबीर जी का का जन्म कभी मां के गर्भ से नहीं होता। 

इसलिए उनका प्रकट दिवस मनाया जाता है 
कबीर जी अपने प्रकट होने के बारे में कहते है -
न मेरा जन्म न गर्भ बसेर, बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा तहां जुलाहे ने पाया।।
कबीर प्रभु की लीलाए  देखे वीडियो में ⇩⇩⇩⇩
https://www.youtube.com/watch?v=Kvb3pjGO5kU

Wednesday, June 3, 2020

#DeepKnowlegde_Of_GodKabir




#DeepKnowlegde_Of_GodKabir


कबीर परमात्मा का तत्वज्ञान

काल कौन है, कहां रहता है, वह हमें कष्ट क्यों देता है, काल के सभी कार्यों के बारे में परमात्मा कबीर जी ने ही विस्तार से बताया है ।
सतलोक पृथ्वी लोक से कितनी दूरी पर स्थित है और वहां कैसे जाया जा सकता है। यह जानकारी कबीर परमात्मा जी ने ही दी है ।

🌿तीनों देवताओं (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) की वास्तविक स्थिति से परिचित करवाते हुए परमात्मा कबीर जी ने कहा :-
तिनके सूत है तीनों देवा, आंधर जीव करत हैं सेवा
🌿तत्वज्ञान
कबीर साहेब ने ही हमें अवगत कराया कि हमें जन्म देने व मारने में काल (ब्रह्म) प्रभु का स्वार्थ है जोकि श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में कहता है कि मैं बढ़ा हुआ काल हूँ अर्जुन।

🌿कबीर परमात्मा जी का बताया परम गूढ़ ज्ञान
कबीर परमात्मा ने अध्यात्म के बहुत से गूढ़ रहस्यों से पर्दा उठाते हुए बताया है कि भक्ति को जिंदा रखने के लिए मैंने ही द्रोपदी का चीर बढ़ाया था और मैंने ही हिरण्यकश्यप तथा कंस को मारा था।
🌿ज्ञान का भंडार - कबीर परमात्मा
परमात्मा कबीर जी ने धर्मदास जी को बताया कि मैं अपनी प्यारी आत्माओं को काल के जाल से निकालने के लिए काल के इन 21 ब्रह्मांडों में घूमता रहता हूं और सत्य ज्ञान देकर व शास्त्रानुकूल साधना बताकर पार करता हूं।

#2DaysLeft_KabirPrakatDiwas
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Monday, June 1, 2020

Miracle of god kabir


💥‘‘शिशु कबीर परमेश्वर का नामांकन"


जब कबीर साहेब का नाम रखने के लिए कुरान शरीफ पुस्तक को काज़ी ने खोला। प्रथम नाम ‘‘कबीरन्’’ लिखा था। काजियों ने सोचा इस छोटे जाति वाले का कबीर नाम रखना शोभा नहीं देगा। पुनः कुरान शरीफ खोली तो उसमें सर्व अक्षर कबीर-कबीर-कबीर-कबीर हो गए। कबीर परमेश्वर शिशु रूप में बोले मैं कबीर अल्लाह अर्थात् अल्लाहु अकबर, हूँ। मेरा नाम ‘‘कबीर’’ ही रखो।
सकल कुरान कबीर है, हरफ लिखे जो लेख।
काशी के काजी कहै, गई दीन की टेक


💥"सेउ की कटी हुई गर्दन को जोड़ना"
परमात्मा कबीर ने अपने भक्त की कटी हुई गर्दन वापिस जोड़ दी थी।
आओ सेउ जीम लो,यह प्रसाद प्रेम।
सिर कटते हैं चोरों के,साधों के नित्य क्षेम।।
🌸👇👇🌸
ऐसी-2 बहुत लीलाएँ साहेब कबीर (कविरग्नि) ने की हैं जिनसे यह स्वसिद्ध है कि ये ही पूर्ण परमात्मा हैं। 
अधिक जानकारी के लिए देखे हमारे धर्मग्रंथों के प्रमाण 👇👇👉सामवेद संख्या नं. 822 तथा ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 162 मंत्र 2 में कहा है कि कविर्देव अपने विधिवत् साधक साथी की आयु बढ़ा देता है।



💥"जगन्नाथ के पांडे की कबीर जी द्वारा रक्षा"
जगन्नाथ पुरी में एक रामसहाय पाण्डा खिचड़ी का प्रसाद उतार रहा था। गर्म खिचड़ी उसके पैर पर गिर गई। उस समय कबीर जी अपने करमण्डल से हिम जल रामसहाय पाण्डा के पैर पर डाला। उसके तुरंत बाद राहत मिलते ही पैर ठीक हो गया। उस समय कबीर जी ना होते रामसहाय पाण्डा का पैर जल जाता।
गरीबदास जी देते हैं -
पग ऊपरि जल डालकर, हो गये खड़े कबीर। गरीबदास पंडा जरया, तहां परया योह नीर।।
जगन्नाथ जगदीश का, जरत बुझाया पंड। गरीबदास हर हर करत, मिट्या कलप सब दंड।।
💥"गोरखनाथ से गोष्ठी"
एक बार कबीर परमेश्वर जी और गोरखनाथ जी की गोष्ठी हुई। गोरखनाथ जी गंगा नदी की ओर चल पड़ा। उसमें जा कर छलांग लगाते हुए कबीर जी से कहा कि मुझे ढूंढ दो मैं आपका शिष्य बन जाऊँगा। गोरखनाथ मछली बन कर गए। कबीर साहेब ने उसी मछली को पानी से बाहर निकाल कर सबके सामने गोरखनाथ बना दिया। तब गोरखनाथ कबीर जी के शिष्य बने।
अधिक जानकारी के लिए देखे वीडियो ,सत्संग ओर भगवान कौन है कैसा है बहुत कुछ गुढ रहष्य 👉👉👉www.jagatgurusantrampalji.org

Sunday, May 31, 2020




#52_Cruelities_On_GodKabir

💢कबीर परमेश्वर को तोप के गोलों से मारने की व्यर्थ चेष्टा"
कबीर जी को मारने के लिए शेखतकी के आदेश पर पहले पत्थर मारे, फिर तीर मारे। परन्तु परमेश्वर की ओर पत्थर या तीर नहीं आया। फिर चार पहर तक तोप यंत्र से गोले चलाए गए।

💢खूनी हाथी से मरवाने की व्यर्थ चेष्टा"
शेखतकी के कहने पर दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोधी ने कबीर परमेश्वर को खूनी हाथी से मरवाने की आज्ञा दे दी।




💢शेखतकी पीर ने कबीर साहेब को नीचा दिखाने के लिए 3 दिन के भंडारे की कबीर साहेब के नाम से सभी सभी आश्रमों में झूठी चिठ्ठी डलवाई थी कि कबीर जी 3 दिन का भंडारा करेंगे सभी आना भोजन के बाद एक मोहर, एक दोहर भी देंगे। कबीर साहेब ने 3 दिन का मोहन भंडारा भी करा दिया था और कबीर साहेब की महिमा भी हुई।


अधिक जानकारी के लिए देखे कैसे शेख तकि ने 52 बार कबीरसाहेब को मारने की कोशिश की।👇👇👇वीडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

https://www.facebook.com/SatlokAshram/videos/248135679754998

Friday, May 29, 2020

God kabir comes in the all four yug


               कबीर परमात्मा चारो युगों में आते है।                                                       
                                                                                                                                                              🎉परमेश्वर कबीर साहिब जी चारों युगों में नामांतर करके शिशु रूप में प्रकट होते हैं कबीर परमात्मा हर युग में आते हैं
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18.   

                                                                          सतयुग में सतसुकृत नाम से, त्रेतायुग में मुनिन्द्र नाम से, द्वापर युग में करूणामय नाम से तथा कलयुग में वास्तविक कविर्देव (कबीर प्रभु) नाम से प्रकट हुए हैं.     

                                                                             👉सर्व महर्षियों व संत कहलाने वालों ने प्रभु को निराकार बताया है। वास्तव में परमात्मा आकार में है। मनुष्य सदृश शरीर युक्त है।.                                                            🎉परमेश्वर का शरीर नाड़ियों के योग से बना पांच तत्व का नहीं है। एक नूर तत्व से बना है।वे कभी मां से जन्म नहीं लेते 
                                                                             👉ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 1 मंत्र 9
अभी इमं अध्न्या उत श्रीणन्ति धेनवः शिशुम्। सोममिन्द्राय पातवे।।9।।
पूर्ण परमात्मा अमर पुरुष जब लीला करता हुआ बालक रूप धारण करके स्वयं प्रकट होता है                                    👉उस समय कंवारी गाय अपने आप दूध देती है जिससे उस पूर्ण प्रभु की परवरिश होती है।कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर प्रभु) ही है।