नशा करना तेजी से क्यों फैलता है?
आज के वर्तमान समय में नशे जैसी लत ने विकराल रूप धारण कर लिया है। युवा पीढ़ी दिन-ब-दिन नशे कि लत में डूबी रहती है। नशा त्यागो। शराब इतनी खतरनाक है कि यह बसे बसाए खुशहाल परिवार को भी उजाड़ देती है, तथा धन व बल दोनों का नाश करती है। कारण से उसके परिवार पर नशे और बीमारी के खर्च के कारण दोहरी मार पड़ती है। एक शराबी अनेकों व्यक्ति की आत्मा दुखाता है ।पत्नी की ,पत्नी के माता-पिता ,भाई बहनों की अपने माता पिता ,बच्चों की, भाई आदि की ।केवल 1 घंटे के नशे ने धन का नाश, इज्जत का नाश,परिवार की शांति का नाश कर दिया ,क्या वह व्यक्ति भविष्य में भी सुखी हो सकता है? कभी नहीं ।नरक जैसा जीवन जीएगा।
अगर आप नशा त्यागने का मानस बना चुके हैं तो सबसे पहले संत रामपाल जी महाराज के द्वारा लिखी हुई पुस्तक ज्ञानगंगा पढ़िए
https://www.jagatgururampalji.org/gyan_ganga_hindi.pdf
आज के वर्तमान समय में नशे जैसी लत ने विकराल रूप धारण कर लिया है। युवा पीढ़ी दिन-ब-दिन नशे कि लत में डूबी रहती है। नशा त्यागो। शराब इतनी खतरनाक है कि यह बसे बसाए खुशहाल परिवार को भी उजाड़ देती है, तथा धन व बल दोनों का नाश करती है। कारण से उसके परिवार पर नशे और बीमारी के खर्च के कारण दोहरी मार पड़ती है। एक शराबी अनेकों व्यक्ति की आत्मा दुखाता है ।पत्नी की ,पत्नी के माता-पिता ,भाई बहनों की अपने माता पिता ,बच्चों की, भाई आदि की ।केवल 1 घंटे के नशे ने धन का नाश, इज्जत का नाश,परिवार की शांति का नाश कर दिया ,क्या वह व्यक्ति भविष्य में भी सुखी हो सकता है? कभी नहीं ।नरक जैसा जीवन जीएगा।
शराबी व्यक्ति विचार करें
आज किसी की भी संतान उस समय बहुत गर्व महसूस करती है जब उसे अपने स्वावलंबी पिता का परिचय देना हो।
शराबी परिजन का परिचय देने में बच्चे हीन भावना का शिकार होते हैं।
सबको पता है कि नशा करने से हमारा शरीर और परिवार दोनों का नाश हो सकता है इसको छोड़ना भी चाहते हैं लेकिन छोड़ नहीं पाते लेकिन अब ऐसा नहीं है अगर आप इसे छोड़ना चाहते हैं तो इसे आप बड़ी ही आसानी से छोड़ सकते हैं
वर्तमान में एक संत है जिनका नाम संत रामपाल जी महाराज है जिन्होंने देश और दुनिया को नशा मुक्ति करने का अभियान चला रखा है आध्यात्मिक मार्ग से तो आप भी इसका हिस्सा बनकर अपना नशा त्याग सकते हैं
अगर आप नशा त्यागने का मानस बना चुके हैं तो सबसे पहले संत रामपाल जी महाराज के द्वारा लिखी हुई पुस्तक ज्ञानगंगा पढ़िए
https://www.jagatgururampalji.org/gyan_ganga_hindi.pdf
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