Tuesday, June 30, 2020

दहेज एक सामाजिक अभिशाप


🤔क्या दहेज लेना उचित है?
👉नहीं

तो आइए हम अपने विचार व्यक्त करते हैं। कि दहेज लेना उचित क्यों नहीं है ।

दहेज प्रथा:- यह दहेज प्रथा की वज़ह से ही है कि पुत्रियों को पुत्रों जितना महत्व नहीं दिया जाता। समाज में, कई बार यह देखा गया है कि उन्हें बोझ समझा जाता है तथा उन्हें अक्सर हीन समझा जाता है 

💢सामाजिक जागरूकता💢
अब यह समाज पर है कि वह जागरूक हों तथा स्थिति को समझे। यह हम सबका दायित्व है कि आवश्यक बदलाव के लिए कदम उठाएं एवं दहेज देना या लेना बन्द करें। यह हम सबको जानना चाहिए कि पहले हम अपनी पुत्रियों का मूल्य समझें, ताकि जब वे बड़‍ी हों तो अन्य लोग भी उनका मूल्य समझें।


💢दहेज उन्मूलन के लिए जरूरी कदम💢
कुछ बातों को अपना कर समाज से इस बुराई को मिटाया जा सकता है👇👇👇👇

  • अपनी बेटियों को शिक्षित करें।
  • उन्हें अपने कैरियर के लिए प्रोत्साहित करें ।
  • उन्हें स्वतंत्र और जिम्मेदार होना सिखाएं।
  • अपनी बेटी के साथ बिना किसी भेदभाव के समानता का व्यवहार करें।
  • दहेज देने या लेने की प्रथा को प्रोत्साहित न करें।              
इसलिए अपनी पुत्री को ठोस शिक्षा प्रदान करना तथा उसे अपनी पसन्द का करिअर चुनने के लिए प्रोत्साहित करना वहीं श्रेष्ठ दहेज है जो कोई भी माता-पिता अपनी पुत्री को कभी भी दे सकते हैं। शिक्षा  एवं स्वतंत्रता एक शक्तिशाली एवं मूल्यवान उपहार है जो आप अपनी पुत्री को दे सकते हैं। बदले में यह उनको वित्तीय रूप से सुदृढ़ होने में मदद करेगा।

💢💯संत रामपाल जी द्वारा समाज में दहेज का खात्मा और एक अनोखा विवाह 💢


सुरक्षित भारत की ओर सतगुरु रामपाल जी महाराज जी एक ऐसा  समाज बना रहे है जहां अब बेटियां बोझ नहीं बेटियों पर अत्याचार नहीं होगा सत भक्ति देकर मानवता के सूत्र में बांध रहे है। 
बेटी घर की लक्ष्मी
बहू के रूप में बेटी घर लानी है अगर तो करनी होगी दहेज मुक्त शादी 


एक अनोखा विवाह 17 मिनट में दहेज मुक्त शादी 

👉कैसे होगा दहेज का खात्मा देखे वीडियो👇👇👇

हमारे जीवन का वास्तविक लक्ष्य क्या है ? 
किस तरह से आने वाले दुखों, रोगों व क्लेशो से मुक्ति पाई जा सकती है?
जानिए पूरी जानकारी इस सामाजिक/आध्यात्मिक पुस्तक में।

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Wednesday, June 24, 2020

नशे से होने वाले नुकसान और बचाव


नशा एक अभिशाप :- नशा एक ऐसी बुराई है जो हमारे समूल जीवन को नष्ट कर देती है। नशे की लत से पीड़ित व्यक्ति परिवार के साथ समाज पर बोझ बन जाता है। युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा नशे की लत से पीड़ित है नशे के रूप में लोग शराब, गाँजा, जर्दा, ब्राउन शुगर, कोकीन, स्मैक आदि मादक पदार्थों का प्रयोग करते हैं, जो स्वास्थ्य के साथ सामाजिक और आर्थिक दोनों लिहाज से ठीक नहीं है।


नशेड़ी व्यक्ति की समाज में हेय जनक स्त्थी:- नशे का आदी व्यक्ति समाज की दृष्टी से हेय हो जाता है और उसकी सामाजिक क्रियाशीलता शून्य हो जाती है, फिर भी वह व्यसन को नहीं छोड़ता है।
नशे से होने वाली बीमारियां & अपराध :-  ध्रूमपान से फेफड़े में कैंसर होता हैं,मुँह, गले व फेफड़ों का कैंसर, ब्लड प्रैशर, अल्सर, यकृत रोग, अवसाद एवं अन्य अनेक रोगों का मुख्य कारण विभिन्न प्रकार का नशा है। वहीं कोकीन, चरस, अफीम लोगों में उत्तेजना बढ़ाने का काम करती हैं, जिससे समाज में अपराध और गैरकानूनी हरकतों को बढ़ावा मिलता है। इन नशीली वस्तुओं के उपयोग से व्यक्ति पागल और सुप्तावस्था में चला जाता है। तम्बाकू के सेवन से तपेदकि, निमोनिया और साँस की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इसके सेवन से जन और धन दोनों की हानि होती है।
हिंसा, बलात्कार, चोरी, आत्महत्या आदि अनेक अपराधों के पीछे नशा एक बहुत बड़ी वजह है। शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए एक्सीडेंट करना, शादीशुदा व्यक्तियों द्वारा नशे में अपनी पत्नी से मारपीट करना आम बात है।

शराब के सेवन से मानव के विवेक के साथ सोचने समझने की शक्ति नष्ट हो जाती है। वह अपने हित−अहित और भले−बुरे का अन्तर नहीं समझ पाता। शराब के सेवन से मनुष्य के शरीर और बुद्धि के साथ−साथ आत्मा का भी नाश हो जाता है। शराबी अनेक बीमारियों से ग्रसित हो जाता है। अमीर से गरीब और बच्चे से बुजुर्ग तक इस लत के शिकार हो रहे हैं। शराब के अतिरिक्त गांजा, अफीम और अन्य अनेक प्रकार के नशे अत्यधिक मात्रा में प्रचलित हो रहे हैं।  आधे से अधिक आबादी शराब तथा अन्य प्रकार के नशों में अपनी आय का आधे से अधिक पैसा बहा देते हैं।

 नशे का प्रचलन केवल आधुनिक समाज की देन नहीं है अपितु प्राचीन काल में भी रामायण और महाभारत काल के अनेक उदाहरण देते हैं।  प्राचीन काल में मदिरा का सेवन आसुरी प्रवृत्ति के लोग ही करते थे और इससे समाज में उस समय भी असुरक्षा, भय और घृणा का वातावरण उत्पन्न होता था। ऐसी आसुरी प्रवृत्ति के लोग मदिरा का सेवन करने के बाद खुले आम बुरे कार्यों को अंजाम देते थे।

 नशे से नुकसान :-  में नशे के बढ़ते चलन के पीछे बदलती जीवन शैली, परिवार का दबाव, परिवार के झगड़े, इन्टरनेट का अत्यधिक उपयोग, एकाकी जीवन, परिवार से दूर रहने, पारिवारिक कलह जैसे अनेक कारण हो सकते हैं।  और परिवार के परिवार खत्म होते जा रहे हैं। हम विनाश की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।
नशे से बचाव :-लोगोंको नशे से मुक्त रखने के लिए सरकार ने नशामुक्ति योजना लागू की है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से लागू की गई इस योजना के तहत राज्य में नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र चलाए जा रहे हैं। गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित इन केंद्रों में नशे से ग्रस्त लोगों को इससे मुक्त करने के लिए निशुल्क इलाज किया जाता है।
संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा समाज सुधार  :- वहीं एक तरफ संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा सिर्फ नाम दीक्षा लेकर लाखो लोगो ने नशा छोड़ दिया है । लाखो लोग बुराइयों को छोड़ कर सतभक्ती कर रहे है और लाखो उजड़े परिवार बस गए जो नशे के कारण परिवार उजड गए थे ।
संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा नाम दीक्षा लेने के बाद व्यक्ति नशा करना तो छोड़ो किसी भी तरह के नशे की वस्तुओं को छूते भी नहीं है ।
संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा समाज सुधार में  कई प्रयास जैसे - 
💫दहेज मुक्त विवाह
💫 नशामुक्त भारत 
💫 जाति पाती छुआ छूत मुक्त समाज 
💫 युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जाग्रति 
💫 सामाजिक बुराइयों का खात्मा और स्वच्छ समाज का निर्माण 
।  संत रामपाल जी महाराज जी का  एक ही  सपना नशा मुक्त हो भारत अपना 







💢समाज में किस तरह संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से आध्यात्मिक ज्ञान से देश में सुधार हो रहा है देखे वीडियो 👇👉👉👉https://youtu.be/PUjHDCytu4A


💢संत रामपाल जी महाराज जी से निशुल्क नामदान लेने के लिए नीचे दिए गए फॉर्म के लिंक पर क्लिक करे।👇👇👇👇👇👇
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry


Wednesday, June 17, 2020

Bible

                                   Bible

Tuesday, June 16, 2020

Tuesday, June 9, 2020

पवित्र बाइबिल में प्रमाण पूर्ण परमात्मा साकार



✨पवित्र बाईबल में सृष्टि रचना का प्रमाण✨
पवित्र सद्ग्रन्थों ने मिल-जुल कर प्रमाणित किया है कि परमात्मा  कौन तथा कैसा है सृष्टि की रचना किसने की  तथा उसका वास्तविक नाम क्या है। आइये हमारे सद्ग्रन्थों में क्या प्रमाण दिए गए है रूबरू होते है ।

💢पवित्र बाइबिल में प्रमाण है परमात्मा कैसा है ?
 👉 परमात्मा सशरीर है ।


💢पवित्र बाइबिल में प्रमाण है सृष्टि की उत्पत्ति किसने की?
👉 कबीरसाहेब ने 6 दिन में सृष्टि की रचना की मनुष्य को अपने जैसा बनाया ओर 7 वे दिन तख्त पे जाकर विराज मान हुए।
सातवां दिन :- विश्राम का दिन :
परमेश्वर ने  छः दिन में सर्व सृष्टि की उत्पत्ति की तथा सातवें दिन विश्राम किया।
पवित्रा बाईबल (उत्पत्ति ग्रन्थ पृष्ठ नं. 2 पर, अ. 1ः20 - 2ः5 पर)
 प्रभु ने मनुष्यों के खाने के लिए जितने बीज वाले छोटे पेड़ तथा जितने पेड़ों में बीज वाले फल होते हैं वे भोजन के लिए प्रदान किए हैं, (माँस खाना नहीं कहा है।)
तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी करके मनुष्यों की सृष्टि की।



अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी महाराज जी की सत्संग सुने ओर वेबसाइट सर्च करे।👇👇👇
www.jagatgurusantrampalji.org

Thursday, June 4, 2020

कबीर साहेब प्रकट दिवस जयंती नहीं


              कबीर साहेब का प्रकट दिवस होता है, जयंती नहीं!


➤सन् 1398 (विक्रमी संवत् 1455) ज्येष्ठ मास शुद्धि पूर्णमासी को ब्रह्ममूहूर्त में अपने सत्यलोक से सशरीर आकर परमेश्वर कबीर बालक रूप बनाकर लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर विराजमान हुए।
पूर्ण परमात्मा का माँ के गर्भ से जन्म नहीं होता।
कबीर साहेब का जन्म नहीं होता!


➤आदरणीय गरीब दास जी ने भी अपनी वाणी के माध्यम से यह बताया है कि परमात्मा कबीर जी की कोई माता नही थी अर्थात उनका जन्म माँ के गर्भ से नही हुआ।
गरीब, अनंत कोटि ब्रह्मांड में, बंदीछोड़ कहाय। 
सो तो एक कबीर हैं, जननी जन्या न माय।।


➤कबीर परमात्मा का प्रकट दिवस होता, जयंती नहीं!
पूर्ण परमात्मा कबीर जी का का जन्म कभी मां के गर्भ से नहीं होता। 

इसलिए उनका प्रकट दिवस मनाया जाता है 
कबीर जी अपने प्रकट होने के बारे में कहते है -
न मेरा जन्म न गर्भ बसेर, बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा तहां जुलाहे ने पाया।।
कबीर प्रभु की लीलाए  देखे वीडियो में ⇩⇩⇩⇩
https://www.youtube.com/watch?v=Kvb3pjGO5kU

Wednesday, June 3, 2020

#DeepKnowlegde_Of_GodKabir




#DeepKnowlegde_Of_GodKabir


कबीर परमात्मा का तत्वज्ञान

काल कौन है, कहां रहता है, वह हमें कष्ट क्यों देता है, काल के सभी कार्यों के बारे में परमात्मा कबीर जी ने ही विस्तार से बताया है ।
सतलोक पृथ्वी लोक से कितनी दूरी पर स्थित है और वहां कैसे जाया जा सकता है। यह जानकारी कबीर परमात्मा जी ने ही दी है ।

🌿तीनों देवताओं (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) की वास्तविक स्थिति से परिचित करवाते हुए परमात्मा कबीर जी ने कहा :-
तिनके सूत है तीनों देवा, आंधर जीव करत हैं सेवा
🌿तत्वज्ञान
कबीर साहेब ने ही हमें अवगत कराया कि हमें जन्म देने व मारने में काल (ब्रह्म) प्रभु का स्वार्थ है जोकि श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में कहता है कि मैं बढ़ा हुआ काल हूँ अर्जुन।

🌿कबीर परमात्मा जी का बताया परम गूढ़ ज्ञान
कबीर परमात्मा ने अध्यात्म के बहुत से गूढ़ रहस्यों से पर्दा उठाते हुए बताया है कि भक्ति को जिंदा रखने के लिए मैंने ही द्रोपदी का चीर बढ़ाया था और मैंने ही हिरण्यकश्यप तथा कंस को मारा था।
🌿ज्ञान का भंडार - कबीर परमात्मा
परमात्मा कबीर जी ने धर्मदास जी को बताया कि मैं अपनी प्यारी आत्माओं को काल के जाल से निकालने के लिए काल के इन 21 ब्रह्मांडों में घूमता रहता हूं और सत्य ज्ञान देकर व शास्त्रानुकूल साधना बताकर पार करता हूं।

#2DaysLeft_KabirPrakatDiwas
अधिक जानकारीके लिए वेबसाइट सर्च कर 👇👇www.jagatgurusantrampalji.org

Monday, June 1, 2020

Miracle of god kabir


💥‘‘शिशु कबीर परमेश्वर का नामांकन"


जब कबीर साहेब का नाम रखने के लिए कुरान शरीफ पुस्तक को काज़ी ने खोला। प्रथम नाम ‘‘कबीरन्’’ लिखा था। काजियों ने सोचा इस छोटे जाति वाले का कबीर नाम रखना शोभा नहीं देगा। पुनः कुरान शरीफ खोली तो उसमें सर्व अक्षर कबीर-कबीर-कबीर-कबीर हो गए। कबीर परमेश्वर शिशु रूप में बोले मैं कबीर अल्लाह अर्थात् अल्लाहु अकबर, हूँ। मेरा नाम ‘‘कबीर’’ ही रखो।
सकल कुरान कबीर है, हरफ लिखे जो लेख।
काशी के काजी कहै, गई दीन की टेक


💥"सेउ की कटी हुई गर्दन को जोड़ना"
परमात्मा कबीर ने अपने भक्त की कटी हुई गर्दन वापिस जोड़ दी थी।
आओ सेउ जीम लो,यह प्रसाद प्रेम।
सिर कटते हैं चोरों के,साधों के नित्य क्षेम।।
🌸👇👇🌸
ऐसी-2 बहुत लीलाएँ साहेब कबीर (कविरग्नि) ने की हैं जिनसे यह स्वसिद्ध है कि ये ही पूर्ण परमात्मा हैं। 
अधिक जानकारी के लिए देखे हमारे धर्मग्रंथों के प्रमाण 👇👇👉सामवेद संख्या नं. 822 तथा ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 162 मंत्र 2 में कहा है कि कविर्देव अपने विधिवत् साधक साथी की आयु बढ़ा देता है।



💥"जगन्नाथ के पांडे की कबीर जी द्वारा रक्षा"
जगन्नाथ पुरी में एक रामसहाय पाण्डा खिचड़ी का प्रसाद उतार रहा था। गर्म खिचड़ी उसके पैर पर गिर गई। उस समय कबीर जी अपने करमण्डल से हिम जल रामसहाय पाण्डा के पैर पर डाला। उसके तुरंत बाद राहत मिलते ही पैर ठीक हो गया। उस समय कबीर जी ना होते रामसहाय पाण्डा का पैर जल जाता।
गरीबदास जी देते हैं -
पग ऊपरि जल डालकर, हो गये खड़े कबीर। गरीबदास पंडा जरया, तहां परया योह नीर।।
जगन्नाथ जगदीश का, जरत बुझाया पंड। गरीबदास हर हर करत, मिट्या कलप सब दंड।।
💥"गोरखनाथ से गोष्ठी"
एक बार कबीर परमेश्वर जी और गोरखनाथ जी की गोष्ठी हुई। गोरखनाथ जी गंगा नदी की ओर चल पड़ा। उसमें जा कर छलांग लगाते हुए कबीर जी से कहा कि मुझे ढूंढ दो मैं आपका शिष्य बन जाऊँगा। गोरखनाथ मछली बन कर गए। कबीर साहेब ने उसी मछली को पानी से बाहर निकाल कर सबके सामने गोरखनाथ बना दिया। तब गोरखनाथ कबीर जी के शिष्य बने।
अधिक जानकारी के लिए देखे वीडियो ,सत्संग ओर भगवान कौन है कैसा है बहुत कुछ गुढ रहष्य 👉👉👉www.jagatgurusantrampalji.org