आखिरकार "ईश्वर क्या है?"
सबसे बुनियादी सवाल जो सभी के मन में आता है वह ", ईश्वर कौन है" कैसा है? "क्या कोई ईश्वर है", यदि ऐसा है, तो "ईश्वर कैसा दिखता है?", "ईश्वर एक मानव है", "ईश्वर पुरुष या स्त्री है", आखिरकार "ईश्वर क्या है?"सबसे बुनियादी सवाल जो सभी के मन में आता है
🌺यह सबसे पेचीदा सवाल है जो सदियों से मानव जाति को परेशान करता रहा है। यह प्रश्न इस तथ्य के कारण उत्पन्न होता है कि हम मनुष्य अपने आसपास होने वाली प्राकृतिक घटनाओं की व्याख्या करने में सक्षम नहीं हैं। हम अभी भी निर्माण की सबसे बुनियादी अवधारणा की व्याख्या नहीं कर सकते है ,हम अपने अस्तित्व की व्याख्या भी नहीं कर सकते। 👉हम जन्म लेते हैं और मर जाते हैं। कोई नहीं जानता कि समय में एक निश्चित समय पर जन्म क्यों लेता है, 👉और एक की मृत्यु क्यों होती है। हम इसे प्रकृति के नियम के रूप में स्वीकार करते हैं। ये अस्पष्टीकृत घटनाएं हमें कुछ "अन्य" शक्ति में विश्वास दिलाती हैं जिसके कारण सभी अस्पष्टीकृत चीजें हो रही हैं।
तो निश्चित रूप से कुछ "हायर पावर" है जिसे हम भगवान कहते हैं।
🌳जिस तरह से विज्ञान का आधार होता है उसी तरह हम भगवान को जानने के लिए हमारे वेद ,धार्मिक ग्रंथों को आधार मानेंगे ।
☝आइये जानते है हमारे वेद धर्मग्रंथों में भगवान की पहचान करने के लिए कोनसे तथ्य/प्रमाण बताये गए है ।
💥 प्रमाण 💥
🌺 1. ईश्वर कैसा है ? प्रमाण सहित देखे 👇
🌺ईश्र्वर साकार है मनुष्य सदृश्य आकार में है । पवित्र यजुर्वेद इसकी व्याख्या करता है ।
तो उपरोक्त प्रमाण से सिद्ध होता है कि भगवान साकार है और सभी वेद और ग्रंथो से सिद्ध होता है कि भगवान कबीर साहेब है
पवित्र गीता जी मे प्रमाण :-
कबीर, अक्षर पुरूष एक पेड़ है, निरंजन वाकी डार। तीनों देवा शाखा हैं, पात रूप संसार।।
श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 15 श्लोक 1 से 4 तथा 16-17 में यह प्रमाणित हुआ कि उल्टे लटके हुए संसार रूपी वृक्ष की मूल अर्थात् जड़ तो परम अक्षर ब्रह्म अर्थात् पूर्ण ब्रह्म है ।
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